भागवतभगवान जी की आरती हिंदी और अंग्रेज़ी में अर्थ सहित | तथ्य | लाभ | अवसर व कब करें पाठ"

श्रेणी:Other Vedic Arti
उपश्रेणी:Bhagvat bhagvan ji Aarti
भागवतभगवान जी की आरती हिंदी और अंग्रेज़ी में अर्थ सहित | तथ्य | लाभ | अवसर व कब करें पाठ"
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 भगवत भगवान का महत्व  

  1. सृष्टि के पालनकर्ता
    भगवत भगवान, विष्णु रूप में, इस ब्रह्मांड के पालक और संरक्षक हैं, जो सृष्टि का संतुलन बनाए रखते हैं।
  2. धर्म की रक्षा हेतु अवतार
    वे राम और कृष्ण जैसे अनेक अवतार लेकर अधर्म का नाश और धर्म की स्थापना करते हैं।
  3. आध्यात्मिक ज्ञानदाता
    श्रीकृष्ण रूप में उन्होंने भगवद्गीता का उपदेश दिया, जो कर्म, भक्ति और आत्मज्ञान का मार्गदर्शन है।
  4. भक्ति का प्रेरक स्रोत
    उनकी उपासना से प्रेम, समर्पण और ईश्वर से गहरा संबंध उत्पन्न होता है – भजन, जप, और ध्यान के माध्यम से।
  5. करुणा और कृपा के प्रतीक
    वे अपने भक्तों की रक्षा सदा करते हैं और क्षमा, दया एवं प्रेम का सर्वोत्तम उदाहरण हैं।




 भागवत भगवान की आरती 


श्री भागवत भगवान की है आरती, पापियों को पाप से है तारती।।

ये अमर ग्रन्थ, ये मुख्य पन्थ, ये पंचम वेद निराला, नव ज्योति जगानेवाला।
हरि गान यही, वरदान यही –
जग की मंगल आरती, पापियों को पाप से है तारती।

श्री भागवत भगवान की है आरती, पापियों को पाप से है तारती।।

ये शांति गीत, पावन पुनीत सा, कोप मिटानेवाला, हरि दरस दिखानेवाला।
है सुख करनी, है दुःख हरिनी –
मधुसूदन की आरती, पापियों को पाप से है तारती।

श्री भागवत भगवान की है आरती, पापियों को पाप से है तारती।।

ये मधुर बोल, जग फंद खोल, सन्मार्ग दिखानेवाला, बिगड़ी को बनानेवाला।
श्री राम यही, घनश्याम यही –
प्रभु की महिमा की आरती, पापियों को पाप से है तारती।

श्री भागवत भगवान की है आरती, पापियों को पाप से है तारती।।

                                              

 

श्री भगवत भगवान जी की आरती कब करें

  1.  सत्यनारायण व्रत कथा में – कथा के अंत में श्री विष्णु की आरती के रूप में इसका गायन करें।
  2. एकादशी तिथि पर – यह दिन भगवान विष्णु की भक्ति के लिए अत्यंत शुभ होता है; इस दिन आरती करने से पुण्य और शांति प्राप्त होती है।
  3. भागवत सप्ताह के दौरान – श्रीमद्भागवत कथा के प्रतिदिन के समापन पर आरती गाई जाती है।
  4. नित्य पूजा में – जो भक्त प्रतिदिन भगवान विष्णु या कृष्ण की पूजा करते हैं, वे प्रातः या संध्या आरती में इसे शामिल कर सकते हैं।
  5. विशेष पर्वों और उत्सवों पर – वैकुण्ठ एकादशी, जन्माष्टमी, दशहरा, दीपावली आदि पर यह आरती गाना अत्यंत फलदायक माना जाता है।

भारत में श्री भगवत भगवान (विष्णु/कृष्ण) से जुड़े 5 प्रसिद्ध मंदिर

  1. द्वारकाधीश मंदिर – द्वारका, गुजरात
    स्थान: द्वारका, गुजरात
    महत्व: चार धामों में से एक; भगवान कृष्ण का मुख्य निवास स्थान माना जाता है।
     शास्त्रीय जुड़ाव: श्रीमद्भागवत की कई लीलाएं यहीं घटित हुईं।
  2. जगन्नाथ मंदिर – पुरी, ओडिशा
    स्थान: पुरी, ओडिशा
    मुख्य देवता: भगवान जगन्नाथ (कृष्ण), साथ में बलभद्र और सुभद्रा।
    सम्बन्ध: भागवत पुराण और वैष्णव परंपरा में अत्यंत पूजनीय।
  3. इस्कॉन श्री कृष्ण-बलराम मंदिर – वृंदावन, उत्तर प्रदेश
    स्थान: वृंदावन
    विशेषता: इस्कॉन द्वारा स्थापित यह मंदिर भागवत के पाठ और उपदेशों पर केंद्रित है।
    वातावरण: भागवत सप्ताह, कथा, और वैश्विक कृष्ण भक्ति का केंद्र।
  4. श्री रंगनाथस्वामी मंदिर – श्रीरंगम, तमिलनाडु
    स्थान: श्रीरंगम, तमिलनाडुदेवता: भगवान विष्णु, शेषनाग पर शयन मुद्रा में।
    महत्व: वैदिक परंपरा और श्रीमद्भागवत के प्रति गहन सम्मान वाला मंदिर।
  5. बद्रीनाथ मंदिर 
    स्थान: चमोली जिला, उत्तराखंड
    देवता: भगवान विष्णु, बदरी नारायण रूप में।
    संबंध: माना जाता है कि यहीं वेदव्यास जी ने श्रीमद्भागवत की रचना की थी।

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