परिचय -
- हनुमान जी – शक्ति, भक्ति और निष्ठा के दिव्य प्रतीक हैं, जिन्हें भगवान श्रीराम के सबसे बड़े भक्त के रूप में पूजा जाता है।
- उन्हें बजरंगबली, अंजनेय, और महावीर के नामों से भी जाना जाता है। वे साहस, अनुशासन और आस्था की प्रेरणा देते हैं।
- हनुमान जी की आरती उनका सम्मान करने और उनकी दिव्य रक्षा, ज्ञान तथा आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए गाई जाती है।
- यह आरती विशेष रूप से मंगलवार, शनिवार, और हनुमान जयंती तथा राम नवमी जैसे पर्वों पर की जाती है।
- इस आरती का पाठ करने से भय, नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं और जीवन में शांति, बल, और सफलता प्राप्त होती है।
श्री हनुमान आरती
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे।
रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई।
संतन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारि सिया सुधि लाए॥
लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई॥
लंकिनी को मारे सुत जारा।
सिंधु पार सिया सुधि लाया॥
रावण की सभा में सोई।
सिया जी ने दीनी सुधि जोई॥
बाग उजारि सिंधु महं बोरा।
अति आतुर जम कातर तोरा॥
अक्षय कुमार मारा कपि सेना।
रावण करि सेतु पावन लेना॥
लंका में रघुनाथ पठाए।
सीता सुधि लए हरषाए॥
हनुमान जी के प्रमुख तथ्य
- दिव्य जन्म: हनुमान जी का जन्म माता अंजना और पवन देव के पुत्र रूप में हुआ था। उन्हें जन्म से ही अलौकिक शक्तियाँ प्राप्त थीं जैसे – अतुलनीय बल, आकाश में उड़ने की क्षमता, और रूप परिवर्तन।
- श्रीराम के प्रति भक्ति: वे भगवान श्रीराम के परम भक्त माने जाते हैं। रामायण में उन्होंने माता सीता की खोज, लंका दहन, और लक्ष्मण जी को संजीवनी लाकर जीवनदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- शक्ति का प्रतीक: हनुमान जी शक्ति, अनुशासन, और निर्भयता के प्रतीक हैं। उन्हें सुरक्षा, साहस और बल प्राप्त करने हेतु पूजा जाता है।
- अजर-अमर और सदा विद्यमान: हनुमान जी सप्त चिरंजीवियों में से एक हैं और माना जाता है कि वे आज भी इस धरती पर जीवित हैं और सच्चे भक्तों की सहायता करते हैं।
हनुमान जी की आरती कब करें
- पूजा और उत्सवों के दौरान – हनुमान चालीसा जैसे ग्रंथों के माध्यम से हनुमान जी की स्तुति की जाती है। उनकी पूजा का विशेष महत्व मंगलवार, शनिवार, हनुमान जयंती और राम नवमी जैसे पर्वों पर होता है
- मंगलवार और शनिवार – ये दोनों दिन हनुमान जी को समर्पित अत्यंत शुभ माने जाते हैं, आरती के लिए आदर्श समय।
- हनुमान जयंती – हनुमान जी का जन्मोत्सव, जिसमें आरती एक मुख्य अनुष्ठान होता है।
- राम नवमी – भगवान श्रीराम के सबसे बड़े भक्त के रूप में, इस दिन हनुमान जी की पूजा श्रीराम के साथ की जाती है।
- संकट या भय के समय – जब जीवन में नकारात्मकता, भय, या दुर्भाग्य हो, तो हनुमान जी की आरती करने से रक्षा और मानसिक बल प्राप्त होता है।
- मंदिर या घर पर आरती – प्रतिदिन प्रातः और सायं पूजा के समय या विशेष हनुमान पूजा में आरती की जाती है।
- हर मंगलवार और शनिवार – ये दिन विशेष रूप से हनुमान जी की आरती के लिए शुभ माने जाते हैं।
- प्रातःकाल और संध्याकाल – आरती सूर्योदय या सूर्यास्त के समय करना सर्वोत्तम माना जाता है।
- हनुमान चालीसा के पाठ के बाद – चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करने के बाद हनुमान जी की आरती अवश्य करनी चाहिए।
- त्योहारों पर – विशेषकर हनुमान जयंती, राम नवमी, और श्रीराम से जुड़े अन्य धार्मिक आयोजनों में आरती की जाती है।
भारत के 5 प्रमुख हनुमान मंदिर -
- हनुमान गढ़ी – अयोध्या, उत्तर प्रदेश
विशेषता: 76 सीढ़ियों वाला यह एक दुर्गनुमा मंदिर है, जिसे हनुमान जी का निवास माना जाता है, जहाँ वे श्रीराम जन्मभूमि की रक्षा करते थे।
शुभ अवसर: हनुमान जयंती, राम नवमी, और मंगलवार को यहाँ विशेष भीड़ होती है। - संकट मोचन हनुमान मंदिर – वाराणसी, उत्तर प्रदेश
विशेषता: इस मंदिर का निर्माण संत तुलसीदास जी ने कराया था। यह मंदिर भक्तों के संकट दूर करने ("संकट मोचन") के लिए प्रसिद्ध है।
लोकप्रियता: मनोकामना पूर्ति और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव के लिए यह मंदिर अत्यंत पूजनीय है - हनुमान मंदिर (कनॉट प्लेस) – नई दिल्ली
विशेषता: महाभारत काल से जुड़ा यह प्राचीन मंदिर 24×7 खुला रहता है और यहाँ की आरती अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है।
मुख्य तथ्य: यह मंदिर 1739 के दिल्ली पर मुगल हमले के दौरान भी सुरक्षित रहा, जो कि पांच सुरक्षित मंदिरों में से एक है। - जाखू मंदिर – शिमला, हिमाचल प्रदेश
विशेषता: यह मंदिर जाखू हिल पर स्थित है और इसमें हनुमान जी की 108 फीट ऊँची मूर्ति है, जो विश्व की सबसे ऊँची हनुमान मूर्तियों में से एक है। दृश्य: यहाँ से शिमला और आसपास की घाटियों का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है। - मेहंदीपुर बालाजी मंदिर – दौसा, राजस्थान
विशेषता: यह मंदिर भूत-प्रेत बाधा, तांत्रिक प्रभावों और काली शक्तियों से मुक्ति दिलाने के लिए विख्यात है।
आध्यात्मिक महत्त्व: यह मंदिर भारत के सबसे रहस्यमय और शक्तिशाली हनुमान मंदिरों में गिना जाता है।