श्री जगदीश आरती – हिंदी और अंग्रेज़ी में अर्थ सहित | तथ्य | लाभ | अवसर और पाठ का समय

श्रेणी:God's Aarti
उपश्रेणी: Jagdish ji Aarti
श्री जगदीश आरती – हिंदी और अंग्रेज़ी में अर्थ सहित | तथ्य | लाभ | अवसर और पाठ का समय
श्री जगदीश आरती – हिंदी और अंग्रेज़ी में अर्थ सहित | तथ्य | लाभ | अवसर और पाठ का समय Icon

 परिचय  

  1.  भगवान जगदीश भगवान विष्णु का एक पूजनीय रूप हैं, जिन्हें सृष्टि के रक्षक और पालक के रूप में पूजा जाता है।
  2. सबसे प्रसिद्ध जगदीश मंदिर राजस्थान के उदयपुर में स्थित है, जो अपनी भव्य वास्तुकला और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए प्रसिद्ध है।
  3.  जगदीश आरती एक भक्तिपूर्ण स्तुति है, जो भगवान जगदीश की महिमा का गुणगान करने और शांति व समृद्धि की प्राप्ति के लिए गाई जाती है।
  4.  यह आरती दैनिक पूजा के समय की जाती है, विशेष रूप से गुरुवार, एकादशी, तथा दीवाली और जन्माष्टमी जैसे पर्वों पर।
  5. जगदीश आरती के पाठ से आध्यात्मिक उत्थान, नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा, और जीवन में समरसता प्राप्त होती है।



॥ आरती श्री जगदीश जी ॥

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे। भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥

ॐ जय जगदीश हरे।

जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का। स्वामी दुःख विनसे मन का। सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥

ॐ जय जगदीश हरे।

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी। स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी। तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥

ॐ जय जगदीश हरे।

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी। स्वामी तुम अन्तर्यामी। पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥

ॐ जय जगदीश हरे।

तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता। स्वामी तुम पालन-कर्ता। मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥

ॐ जय जगदीश हरे।

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति। स्वामी सबके प्राणपति। किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति॥

ॐ जय जगदीश हरे।

दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे। स्वामी तुम ठाकुर मेरे। अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥

ॐ जय जगदीश हरे।

विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा। स्वमी पाप हरो देवा। श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, सन्तन की सेवा॥

ॐ जय जगदीश हरे।

श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे। स्वामी जो कोई नर गावे। कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे॥

ॐ जय जगदीश हरे।

 

 भगवान जगदीश जी के मुख्य तथ्य

  1. भगवान विष्णु का एक रूप
    भगवान जगदीश को भगवान विष्णु का ही एक नाम माना जाता है, जो त्रिदेवों (ब्रह्मा–विष्णु–महेश) में पालक (संरक्षक) के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
  2. प्रसिद्ध मंदिर – जगदीश मंदिर, उदयपुर
    भगवान जगदीश का सबसे प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान के उदयपुर में स्थित है, जिसे 1651 ई. में महाराणा जगत सिंह द्वारा बनवाया गया था।
  3. रक्षा और समृद्धि हेतु पूजन
    भक्तजन भगवान जगदीश से बाधाओं के निवारण, नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा, और शांति व समृद्धि की कामना करते हैं।
  4. वैष्णव परंपरा का अंग
    भगवान जगदीश की पूजा वैष्णव संप्रदाय के अंतर्गत होती है, और इनका संबंध श्रीकृष्ण व श्रीराम जैसे विष्णु अवतारों से भी गहरा है।
  5. त्योहार और आरती
    प्रतिदिन विशेष आरती होती है, विशेष रूप से एकादशी, जन्माष्टमी, दीवाली, और रथ यात्रा के अवसर पर, जब भगवान की शोभायात्रा भी निकाली जाती है।


जगदीश जी की आरती कब करें

  1. प्रतिदिन प्रातः (6:00–7:30 AM) और संध्या (6:00–8:00 PM) पूजा के समय
    सूर्योदय और सूर्यास्त के समय घर या मंदिर में आरती करना शुभ होता है। इससे दिन की सकारात्मक शुरुआत और शुभ समापन होता है तथा भगवान जगदीश की कृपा प्राप्त होती है।
  2. गुरुवार और एकादशी को (सुबह 7:00 बजे के बाद और शाम 7:00 बजे के बाद)
    गुरुवार भगवान विष्णु को समर्पित होता है और एकादशी व्रत एवं विष्णु पूजा के लिए अत्यंत पवित्र दिन है। इन अवसरों पर आरती करने से आध्यात्मिक पुण्य बढ़ता है।
  3.  प्रमुख त्योहारों पर (प्रातः एवं रात्रि आरती)
    जन्माष्टमी, दीवाली, और रथ यात्रा जैसे महोत्सवों पर प्रातः (6:00–7:00 AM) और रात्रि (8:00–9:00 PM) की आरती विशेष रूप से की जाती है। यह उत्सव का मुख्य भाग होती है।
  4. जगदीश मंदिर, उदयपुर में (आरती समय: लगभग 5:30 AM, 11:30 AM, 6:30 PM, 8:00 PM)
    उदयपुर के प्रसिद्ध जगदीश मंदिर में आरती में भाग लेना मनोकामनाओं की पूर्ति और कर्मों के शुद्धिकरण का माध्यम माना जाता है। वहाँ प्रतिदिन चार मुख्य आरती होती हैं।
  5.  व्यक्तिगत प्रार्थना या मनोकामना के समय (कभी भी श्रद्धा से)
    आप आरती को अपने व्यक्तिगत पूजन, मंत्र जप, या विष्णु सहस्त्रनाम पाठ के बाद भी कर सकते हैं — बस मन शुद्ध और श्रद्धा से परिपूर्ण होना चाहिए।


 
भारत के 5 प्रसिद्ध जगदीश जी मंदिर

  1. जगदीश मंदिर – उदयपुर, राजस्थान
      स्थान: उदयपुर नगर
      विशेषता: यह सबसे प्रसिद्ध जगदीश जी मंदिर है, जिसे 1651 ई. में महाराणा जगत सिंह द्वारा बनवाया गया। यह मंदिर इंडो-आर्यन वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
      मुख्य आकर्षण: दैनिक आरती, रथ यात्रा, और भव्य जन्माष्टमी उत्सव यहाँ मनाए जाते हैं।
  2. जगदीश मंदिर – वाराणसी, उत्तर प्रदेश
      स्थान: दशाश्वमेध घाट के पास
      विशेषता: काशी नगरी का एक पवित्र विष्णु मंदिर, जो प्राचीन वैष्णव परंपरा से जुड़ा हुआ है।
  3. जगदीश मंदिर – अलीगढ़, उत्तर प्रदेश
      स्थान: अलीगढ़ नगर
      विशेषता: यह एक ऐतिहासिक विष्णु मंदिर है, जहाँ दैनिक आरती और भजन कार्यक्रम होते हैं। विशेष रूप से एकादशी पर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ होती है।
  4. जगदीश धाम – हरिद्वार, उत्तराखंड
      स्थान: हर की पैड़ी के निकट
      विशेषता: यह एक शांत विष्णु-जगदीश मंदिर है, जहाँ गंगा स्नान और कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन हेतु आते हैं।
  5. श्री जगदीश मंदिर – जयपुर, राजस्थान
      स्थान: जयपुर के पुराने शहर क्षेत्र में
      विशेषता: स्थानीय वैष्णव भक्तों में अत्यंत लोकप्रिय मंदिर, जहाँ प्रतिदिन आरती और भोग होता है। दीवाली और गीता जयंती पर यहाँ विशेष उत्सव मनाए जाते हैं।

कॉपीराइट © 2025 DevNaman Co., Ltd. सर्वाधिकार सुरक्षित।
डिज़ाइन: DevNaman