सरस्वतीमहं वन्दे वीणापुस्तकधारिणीम्।
हंसवाहसमायुक्तां विद्यादानकरीं मम॥
Sarasvatīm ahaṁ vande vīṇā-pustaka-dhāriṇīm।
Haṁsa-vāhasa-samāyuktāṁ vidyā-dānakarīṁ mama॥
हिंदी अर्थ:
मैं देवी सरस्वती की वंदना करता हूँ जो वीणा और पुस्तक धारण करती हैं, हंस वाहन से युक्त हैं और मुझे ज्ञान
प्रथमं भारती नाम द्वितीयं च सरस्वती।
तृतीयं शारदा देवी चतुर्थं हंसवाहिनी॥
Prathamaṁ Bhāratī nāma dvitīyaṁ ca Sarasvatī।
Tṛtīyaṁ Śāradā devī caturthaṁ Haṁsa-vāhinī॥
हिंदी अर्थ:
देवी सरस्वती के बारह नाम हैं —
पहला नाम है ‘भारती’, दूसरा ‘सरस्वती’,
तीसरा नाम ‘शारदा’, और चौथा ‘हंसवाहिनी’ है।
संस्कृत:
पञ्चमं जगति ख्याता षष्ठं वाणीश्वरी तथा।
कौमारी सप्तमं प्रोक्ता अष्टमं ब्रह्मचारिणी॥
Pañcamaṁ jagati khyātā ṣaṣṭhaṁ Vāṇīśvarī tathā।
Kaumāri saptamaṁ proktā aṣṭamaṁ Brahmacāriṇī॥
हिंदी अर्थ:
पाँचवां नाम है ‘जगति ख्याता’ (संसार में प्रसिद्ध),
छठवां ‘वाणीश्वरी’ (वाणी की स्वामिनी),
सातवां ‘कौमारी’, और आठवां ‘ब्रह्मचारिणी’ (सदाचारिणी) है।
संस्कृत:
नवमं बुद्धिदात्री च दशमं वरदायिनी।
एकादशं क्षुद्रघण्टा द्वादशं भुवनेश्वरी॥
Navamaṁ Buddhidātrī ca daśamaṁ Varadāyinī।
Ekādaśaṁ Kṣudraghaṇṭā dvādaśaṁ Bhuvaneśvarī॥
हिंदी अर्थ:
नवां नाम है ‘बुद्धिदात्री’ (बुद्धि प्रदान करने वाली),
दसवां ‘वरदायिनी’ (वर देने वाली),
ग्यारहवां ‘क्षुद्रघण्टा’ (संकट दूर करने वाली),
और बारहवां ‘भुवनेश्वरी’ (संसार की स्वामिनी) है।
संस्कृत:
ब्राह्मी द्वादशनामानि त्रिसन्ध्यं यः पठेन्नरः।
सर्वसिद्धिकरी तस्य प्रसन्ना परमेश्वरी।
सा मे वसतु जिह्वाग्रे ब्रह्मरूपा सरस्वती॥
Brāhmī dvādaśa-nāmāni tri-sandhyaṁ yaḥ paṭhen naraḥ।
Sarva-siddhi-karī tasya prasannā parameśvarī।
Sā me vasatu jihvāgre brahma-rūpā Sarasvatī॥
हिंदी अर्थ:
जो व्यक्ति इन बारह नामों को दिन में तीन बार (प्रातः, मध्यान्ह, संध्या) पढ़ता है,
उस पर परमेश्वरी सरस्वती प्रसन्न होती हैं और उसे सभी सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।
वह ब्रह्मस्वरूपा सरस्वती मेरी जिह्वा के अग्रभाग (जीभ की नोक) पर निवास करें।
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