Wise Quotation

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"Wise Quotation"

1. न खलु पण्डितः सर्वज्ञो भवति।

Source: नीति शास्त्र
हिंदी: पण्डित व्यक्ति सर्वज्ञ (सर्वज्ञानी) नहीं होता।
English: A scholar is not necessarily omniscient.
महत्त्व: यह विनम्रता और सीमित ज्ञान की स्वीकारोक्ति की प्रेरणा है।

2. अविवेकेन प्राप्ताः सम्पत्तयः दुःखाय भवन्ति।

Source: नीति श्लोक
हिंदी: विवेकहीनता से प्राप्त की गई संपत्ति दुःख का कारण बनती है।
English: Wealth gained without wisdom leads to sorrow.
महत्त्व: यह धनार्जन के साधनों और विवेक की महत्ता दर्शाता है।

3. विद्या विवादाय धनं मदाय, शक्ति परेषां परिपीडनाय।

Source: चाणक्य नीति
हिंदी: जब विद्या विवाद के लिए, धन अहंकार के लिए और शक्ति दूसरों को पीड़ित करने के लिए हो, तो विनाश निश्चित है।
English: When knowledge fuels debate, wealth brings pride, and power causes oppression — destruction is certain.
महत्त्व: यह सदुपयोग और संयम का गूढ़ सन्देश देता है।

4. यः स्वधर्मे स्थितः शुद्धः, तं नमस्यन्ति देवताः।

Source: धर्मशास्त्र
हिंदी: जो अपने धर्म में स्थित होता है, शुद्ध होता है, देवता भी उसकी पूजा करते हैं।
English: He who abides by his duty in purity is worshipped even by the gods.
महत्त्व: यह स्वधर्म और शुद्ध आचरण की महिमा को प्रतिपादित करता है।

5. दुष्टः पुरुषः परवशं दृष्ट्वा हर्षं लभते।

Source: नीति
हिंदी: दुष्ट व्यक्ति दूसरों को संकट में देखकर प्रसन्न होता है।
English: A wicked person rejoices at others’ helplessness.
महत्त्व: यह दुष्ट प्रवृत्तियों की पहचान कर सावधान रहने की सीख देता है।

6. विवेकहीनं न प्रशंसन्ति सज्जनाः।

Source: नीति श्लोक
हिंदी: सज्जन लोग विवेकहीन व्यक्ति की कभी प्रशंसा नहीं करते।
English: Noble people never praise one who lacks wisdom.
महत्त्व: यह विवेक को चरित्र का अनिवार्य अंग मानता है।

7. येन केन प्रकारेण ज्ञानं सम्पादयेत् बुधः।

Source: चाणक्य नीति
हिंदी: बुद्धिमान व्यक्ति किसी भी उपाय से ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करता है।
English: A wise person strives to attain knowledge by any means possible.
महत्त्व: यह ज्ञानप्राप्ति के प्रयास की सर्वोच्चता को दर्शाता है।

8. बालोऽपि बुध्यमानः पूज्यते न तु वृद्धः मूर्खः।

Source: चाणक्य नीति
हिंदी: यदि कोई बालक भी ज्ञानी हो तो वह पूजनीय होता है, मूर्ख वृद्ध नहीं।
English: Even a child is honored if wise; not an ignorant elder.
महत्त्व: यह गुण की महत्ता को उम्र से ऊपर रखता है।

9. अन्नं परं बलं।

Source: उपनिषद
हिंदी: अन्न ही सबसे बड़ा बल है।
English: Food is the supreme strength.
महत्त्व: यह आहार और पोषण की जीवन में आवश्यकता बताता है।

10. आत्मवत्सर्वभूतेषु पश्येत् स पण्डितः।

Source: भगवद्गीता (अध्याय 6)
हिंदी: जो सभी जीवों में आत्मा के समान भाव रखता है वही पण्डित है।
English: He is wise who sees all beings as himself.
महत्त्व: यह समदृष्टि और करुणा का चरम रूप है।

11. पुराणमित्येव न साधु सर्वम्।

Source: चाणक्य नीति
हिंदी: केवल इस आधार पर कि कुछ पुराना है, वह अच्छा नहीं होता।
English: Just because something is old doesn't make it good.
महत्त्व: यह अंधानुकरण से बचने और विवेक से सोचने की प्रेरणा देता है।

12. सहसा विद्धीत न क्रिया, अविवेकः परमापदां पदम्।

Source: नीति वचन
हिंदी: बिना सोच-विचार के कोई कार्य न करें, क्योंकि अविवेक सबसे बड़ी विपत्ति का कारण होता है।
English: Never act in haste, for indiscretion leads to the greatest dangers.
महत्त्व: यह निर्णय में धैर्य और विवेक का महत्व बताता है।

13. निरस्तपादपे देशे एरण्डोऽपि दुमायते।

Source: नीति
हिंदी: जहाँ बड़े पेड़ नहीं होते, वहाँ अरंडी का पेड़ भी वृक्ष माना जाता है।
English: In the absence of mighty trees, even the castor plant appears as one.
महत्त्व: यह स्थान की परिस्थितियों में औसत भी महान बन सकता है, यह दिखाता है।

14. दुर्लभं भारते जन्म, मानुष्यं तत्र दुर्लभम्।

Source: नीति श्लोक
हिंदी: भारत में जन्म दुर्लभ है और वहां मनुष्य रूप में जन्म लेना और भी दुर्लभ है।
English: Birth in India is rare; to be born human there is rarer still.
महत्त्व: यह भारतभूमि और मनुष्य जीवन की श्रेष्ठता का गुणगान करता है।

15. क्लेशः फलेन हि पुनर्नवत्तां विद्यते।

Source: नीति वचन
हिंदी: कष्टों से ही जीवन में नई ताजगी और अनुभव आता है।
English: Hardships refresh life through the fruits they bring.
महत्त्व: यह कष्टों को नवजीवन की सीढ़ी के रूप में दर्शाता है।

16. संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्।

Source: ऋग्वेद
हिंदी: साथ चलो, साथ बोलो, तुम्हारे मन एक जैसे हों।
English: Walk together, speak in harmony, let your minds be united.
महत्त्व: यह श्लोक सहयोग, एकता और सामाजिक समरसता का आदर्श है।

17. लौकिकानां हि साधूनामर्थ वागनुवर्तते। ऋषीणां पुनराधानां वाचमर्थोऽनुधावति।।

Source: महाभारत
हिंदी: साधारण सज्जनों में वाणी अर्थ के पीछे चलती है, लेकिन ऋषियों में अर्थ वाणी के पीछे चलता है।
English: Among worldly wise, words follow meaning; in seers, meaning follows words.
महत्त्व: यह ऋषियों की वाणी में साक्षात् सत्य और सार की उपस्थिति दर्शाता है।

18. तीर्थोदकञ्च यज्ञश्च नाऽन्यत्र शुद्धिमर्हतः।

Source: धर्मशास्त्र
हिंदी: केवल तीर्थजल और यज्ञ ही पवित्रता देने में सक्षम हैं, अन्य कुछ नहीं।
English: Only holy water and sacrifice purify; nothing else does.
महत्त्व: यह धार्मिक क्रियाओं की आध्यात्मिक शुद्धि को स्थापित करता है।

19. वित्तेन रक्ष्यते धर्मः, विद्या योगेन रक्ष्यते।

Source: नीति
हिंदी: धन से धर्म की रक्षा होती है, और योग से विद्या की रक्षा होती है।
English: Wealth preserves righteousness, and discipline preserves knowledge.
महत्त्व: यह धर्म और ज्ञान की रक्षा हेतु साधनों की आवश्यकता बताता है।

20. आशुबध्नाति हि प्रेम, प्राग्जन्मान्तरसंस्तवः।

Source: संस्कृत लोकोक्ति
हिंदी: प्रेम शीघ्र ही बाँध लेता है, क्योंकि वह पूर्व जन्म का संस्कार होता है।
English: Love binds swiftly, rooted in the impressions of past lives.
महत्त्व: यह आत्माओं के पारलौकिक संबंधों की ओर संकेत करता है।

21. दानं भोगं नाशश्च तिस्त्रो गतयो भवन्ति वित्तस्य।

Source: चाणक्य नीति
हिंदी: धन की तीन गति होती है — दान, उपभोग और नाश।
English: Wealth has three paths — charity, enjoyment, and destruction.
महत्त्व: यह सत्कार्य में धन प्रयोग की प्रेरणा देता है।

22. सन्तः परोक्ष्यान्यपि रद्भजन्ते, मूढः परप्रत्ययानियमबुद्धिः।

Source: नीति
हिंदी: सज्जन छिपे गुणों को भी पहचानते हैं, मूर्ख दूसरों की राय पर निर्भर होते हैं।
English: The virtuous recognize hidden merit; fools rely on others' opinions.
महत्त्व: यह अंतर्दृष्टि और आत्मनिर्भर विवेक की शिक्षा देता है।

23. नन्याकृतिविशेष आदरः पदं करोति।

Source: नीति शास्त्र
हिंदी: विशेष आकृति नहीं, बल्कि गुण ही सम्मान का कारण होते हैं।
English: Not form, but virtue earns respect.
महत्त्व: यह दिखावे के बजाय आंतरिक गुणों की श्रेष्ठता बताता है।

24. यस्यागमः केवल जीविकायै तं ज्ञानपण्यं वापि वदन्ति।

(दोहरे श्लोक की पुनरावृत्ति)
महत्त्व: जैसा पहले कहा गया – केवल आजीविका के लिए पढ़ा गया शास्त्र व्यापार है।

25. नाट्यं भिन्नरुचेर्जनस्य बहुधाप्येकं समाराधनम्।

(दोहरे श्लोक की पुनरावृत्ति)
महत्त्व: जैसा पहले बताया — कला की सर्वसामान्यता और व्यापक प्रभाव।

26. न खलु सुशिक्षितोऽपि सर्व उपदर्शने निपुणो भवति।

(दोहरे श्लोक की पुनरावृत्ति)
महत्त्व: ज्ञान की सीमा और विशेषताओं की आवश्यकता।

27. माता गुरुतरा भूमेः स्यात् पितोच्चतरस्तथा। मनः शीघ्रतरं वाताच्च, चित्ततरस्तथा।।

(दोहरे श्लोक की पुनरावृत्ति)
महत्त्व: व्यक्ति के चार स्तम्भों – माता, पिता, मन और चित्त – की सुंदर तुलना।

28.अस्ति महतो भू‍तः निःश्वासितं एतद् अथ यजुर्वेदः, सामवेदः अथ आङ्गिरसः।

Source: ब्रह्माण्ड/उपनिषद
हिंदी: यह महापुरुष का महान् निःश्वास है – यही यजुर्वेद, सामवेद और आङ्गिरस है।
English: This is the great exhalation of the Supreme Being — the Yajurveda, the Samaveda, and the Angiras.
महत्त्व: यह श्वासों से वेदों के उद्गम को दर्शाता है – ब्रह्म ही वेदस्वरूप है।

29. प्रायस्त्रिंशत्येव देवा।

Source: वेद
हिंदी: देवता संख्या में 33 होते हैं।
English: The gods are thirty-three in number.
महत्त्व: यह वैदिक देवताओं की गणना से संबंधित मूल श्लोक है।

30. विज्ञानमानन्दं ब्रह्म।

Source: उपनिषद
हिंदी: ब्रह्म विज्ञान और आनंद स्वरूप है।
English: Brahman is knowledge and bliss.
महत्त्व: ब्रह्म का स्वरूप सत्य, चेतन और आनंद है।

31. नेह नानास्ति किञ्चन।

Source: बृहदारण्यक उपनिषद् 4/4/19
हिंदी: यहाँ (ब्रह्म में) कोई भेद नहीं है।
English: There is no multiplicity here.
महत्त्व: अद्वैत वेदांत का मूल आधार – ब्रह्म में द्वैत नहीं।

32. नेति नेति।

Source: बृहदारण्यक उपनिषद्
हिंदी: यह नहीं, वह नहीं (ब्रह्म का निराकार वर्णन)।
English: Not this, not that.
महत्त्व: ब्रह्म निराकार, निरगुण और सर्वगम्य है – किसी भी सीमा में बाँधा नहीं जा सकता।

33. पूर्णमदः पूर्णमिदं... पूर्णमेवावशिष्यते।

Source: ईशोपनिषद / बृहदारण्यक
हिंदी: वह पूर्ण है, यह पूर्ण है... पूर्ण में से पूर्ण निकालो तो भी पूर्ण ही शेष रहता है।
English: That is complete, this is complete... when completeness is taken from completeness, completeness still remains.
महत्त्व: ब्रह्म की अखंडता और अपरिमित स्वरूप का अद्वितीय उदाहरण।

34. त्रयं शिक्षेद् दमं दानं दयामिति।

Source: बृहदारण्यक उपनिषद् 5.2.3
हिंदी: तीन बातें सीखनी चाहिए – संयम, दान और दया।
English: One must learn three things: self-control, charity, and compassion.
महत्त्व: सामाजिक धर्म और मानवता का सार।

35. सत्यं ब्रह्म।

Source: बृहदारण्यक उपनिषद् 5.2.1
हिंदी: ब्रह्म सत्य है।
English: Truth is Brahman.
महत्त्व: यह ब्रह्म की सत्यता और सनातनता को दर्शाता है।

36. पुरुष एवेदं सर्वं यद्भूतं यच्च भाव्यम्।

Source: बृहदारण्यक उपनिषद् 5.4.1
हिंदी: जो कुछ भी था और जो होगा, वह सब पुरुष (ब्रह्म) ही है।
English: All that was and will be is indeed the Purusha.
महत्त्व: यह आत्मा या ब्रह्म की सर्वव्यापकता का वर्णन करता है।

37. नवद्वारे पुरे देही हंसो लेलायते यः।

Source: श्वेताश्वतर उपनिषद् 3.15
हिंदी: शरीर रूपी नवद्वारी नगर में आत्मा (हंस) वास करता है।
English: The Self, like a swan, resides in the city with nine gates (the body).
महत्त्व: आत्मा का शरीर में निवास और उसके संचालन को दर्शाता है।

38. अजामेकां लोहितशुक्लकृष्णां बह्वीः प्रजाः सृजमानां सरूपाः।

Source: श्वेताश्वतर उपनिषद् 4.5
हिंदी: एक अज (अजन्मा) स्त्री (प्रकृति) से अनेक प्रजा उत्पन्न होती है — विविध रूपों में।
English: From the unborn female, arise many creatures of different forms.
महत्त्व: सृष्टि की उत्पत्ति और प्रकृति की महिमा को दर्शाता है।

39. न स्त्री न पुमान् एष न चैवायं नपुंसकः।

Source: उपनिषद्
हिंदी: यह आत्मा न स्त्री है, न पुरुष, न ही नपुंसक।
English: The Self is neither female, nor male, nor neuter.
महत्त्व: आत्मा की निराकारता और लिंगातीत स्वरूप।

40. तस्य भाषा सर्वमिदं विभाति।

Source: उपनिषद्
हिंदी: उसी की रोशनी से यह सब प्रकाशित होता है।
English: By His light, all this shines.
महत्त्व: आत्मा/ब्रह्म ही समस्त चेतना और प्रकाश का मूल है।

41. मन एव मनुष्याणां कारणं बन्धमोक्षयोः।

Source: श्वेताश्वतर उपनिषद् 6.14
हिंदी: मनुष्य के बन्धन और मोक्ष दोनों का कारण मन ही है।
English: The mind alone is the cause of bondage and liberation.
महत्त्व: आत्मनियंत्रण और साधना में मन की भूमिका को दर्शाता है।

42. अहं शिवरूपमस्मि।

Source: ब्रह्मविन्दूपनिषद्
हिंदी: मैं शिवस्वरूप हूँ।
English: I am of the form of Shiva.
महत्त्व: आत्मबोध और शिवत्व का साक्षात्कार।

43. आपो वै सर्वा देवताः।

Source: जाबालोपनिषद्
हिंदी: जल ही समस्त देवताओं का रूप है।
English: Waters are verily all the deities.
महत्त्व: जल तत्व की दिव्यता और शुद्धता।

43. सूचनात् सूत्रम्।

Source: आरुणिकोपनिषद्
हिंदी: संकेत से ही सूत्र निकलता है।
English: From a subtle hint, a principle emerges.
महत्त्व: यह ब्रह्मज्ञान की गूढ़ता को दर्शाता है – जो जानता है, वह कम में भी सब समझता है।

44. विश्वानि देवा सवितुर्दुरितानि परासुव। यद्भद्रं तन्न आ सुव।

Source: महानारायण उपनिषद् 9.7
हिंदी: हे देव! हमारे समस्त पापों को दूर कर दो और जो कल्याणकारी है, वह हमें दो।
English: O Divine Savita, remove all our evils and grant us what is auspicious.
महत्त्व: यह प्रार्थना मन, शरीर और कर्म की शुद्धि की कामना करती है।

45. चत्वारि शृङ्गा त्रयो अस्य पादा...

Source: महानारायण उपनिषद् 10.1
हिंदी: इस विराट पुरुष के चार सींग, तीन पैर...
English: He has four horns, three feet...
महत्त्व: यह ब्रह्म की प्रतीकात्मक व्याख्या है – अनेक गुणों व शक्तियों से युक्त।

46. अमृतमापः।

Source: महानारायण उपनिषद् 14.1
हिंदी: जल ही अमृत है।
English: Water is indeed nectar.
महत्त्व: जल का पवित्रता, जीवन और अमरत्व से संबंध दर्शाता है।

47. धर्मो विश्वस्य जगतः प्रतिष्ठा। लोके धर्मिष्ठा प्रजा उपसर्पन्ति।

Source: महानारायण उपनिषद् 22.1
हिंदी: धर्म ही इस जगत का आधार है। धर्मात्मा व्यक्ति ही समाज में आदरणीय होता है।
English: Dharma is the foundation of the universe; the righteous are respected in society.
महत्त्व: यह धर्म की सर्वोच्चता का उद्घोष है।

48. यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं... यज्ञोपवीतं बलमस्तु ते।

Source: यज्ञोपवीत मंत्र (स्मृति शास्त्र)
हिंदी: यज्ञोपवीत परम पवित्र है, आयुष्य देनेवाला है – यह तुम्हारा बल बने।
English: The sacred thread is supremely pure, bestows longevity – may it be your strength.
महत्त्व: यह उपनयन संस्कार और ब्रह्मचर्य के प्रतीक का स्मरण है।

49. अयमात्मा ब्रह्म।

Source: ब्रह्मोपनिषद् / बृहदारण्यक 2.5.19
हिंदी: यह आत्मा ही ब्रह्म है।
English: This Self is Brahman.
महत्त्व: अद्वैत वेदांत का मूल सूत्र — आत्मा और ब्रह्म में भेद नहीं।

50. नमो भगवते।

Source: अश्य उपनिषद / सूर्य उपनिषद
हिंदी: भगवन को नमस्कार।
English: O Lord, I bow to You.
महत्त्व: यह आत्मसमर्पण और भक्ति भाव का सार है।

51. भूर्भुवः स्वः।

Source: गायत्री मंत्र (वेद)
हिंदी: पृथ्वी, अन्तरिक्ष और स्वर्ग लोक।
English: Earth, atmosphere, and heaven.
महत्त्व: यह त्रैलोक्य और संपूर्ण सृष्टि की अभिव्यक्ति है।

52. ओमित्येकाक्षरं ब्रह्म।

Source: माण्डूक्य उपनिषद्
हिंदी: 'ॐ' ही ब्रह्म है – एकाक्षर।
English: Om is the one-syllabled Brahman.
महत्त्व: यह ब्रह्म का सबसे संक्षिप्त और सबसे पूर्ण रूप है।

53. स एष आत्मा ब्रह्म।

Source: उपनिषद्
हिंदी: यह आत्मा ही ब्रह्म है।
English: This very Self is Brahman.
महत्त्व: आत्मसाक्षात्कार का लक्ष्य – ब्रह्म को आत्मा में देखना।

54. रमन्ते योगिनोऽन्तः।

Source: उपनिषद्
हिंदी: योगी अंतर्मन में ब्रह्मानंद में रमण करते हैं।
English: Yogis rejoice in the inner bliss of Brahman.
महत्त्व: योग का अंतिम फल आत्मिक आनंद है।

55. कुर्यन्नेह कर्माणि जिजीविषेच्छतं समाः।

Source: ईशोपनिषद् 2
हिंदी: सौ वर्षों तक जीने की इच्छा रखनेवाले को कर्म करना चाहिए।
English: One who wishes to live a hundred years must act accordingly.
महत्त्व: निष्काम कर्म का आदर्श – जीवन को कर्ममय बनाना।

56. धीरो हर्षशोकौ जहाति।

Source: उपनिषद्
हिंदी: धीर पुरुष हर्ष और शोक दोनों को त्याग देता है।
English: The wise transcend both joy and sorrow.
महत्त्व: यह समत्व योग और स्थितप्रज्ञता का गुण है।

57. मृत्योः स मृत्युमाप्नोति य इह नानेव पश्यति।

Source: केनोपनिषद्
हिंदी: जो इस संसार में भेद देखता है, वह मृत्यु से मृत्यु को प्राप्त होता है।
English: He who sees multiplicity here goes from death to death.
महत्त्व: अद्वैत दृष्टिकोण को आत्मसात करने की प्रेरणा।

58. पुण्येन पुण्यं लोकं नयति, पापेन पापम्। उभाभ्यामेव मनुष्यलोकम्।

Source: बृहदारण्यक उपनिषद्
हिंदी: पुण्य से पुण्य लोक में, पाप से पाप लोक में, और दोनों से मनुष्य लोक में जन्म होता है।
English: By virtue, one attains virtuous worlds; by sin, sinful ones; by both, the human world.
महत्त्व: यह कर्मफल सिद्धांत की सटीक व्याख्या है।

59. परोपकारो हि पुण्याय पापाय परपीडनम्।

Source: Hitopadesh / Manusmriti
हिंदी: परोपकार पुण्य है, और दूसरों को पीड़ा देना पाप है।
English: Doing good to others is virtue; causing pain is sin.
महत्त्व: यह श्लोक सामाजिक सेवा की मूल भावना सिखाता है और स्वार्थ से ऊपर उठकर परहित की प्रेरणा देता है।

60. जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।

Source: रामायण (उत्तरकाण्ड)
हिंदी: माता और जन्मभूमि स्वर्ग से भी श्रेष्ठ होती हैं।
English: Mother and motherland are greater than heaven.
महत्त्व: यह देशभक्ति और मातृभूमि के प्रति समर्पण की भावना को दर्शाता है।

61. आत्मैव ह्यात्मनो बन्धुरात्मैव रिपुरात्मनः।

Source: भगवद्गीता (अध्याय 6, श्लोक 5–6)
हिंदी: आत्मा स्वयं ही अपना मित्र और स्वयं ही अपना शत्रु होता है।
English: The self is the friend and also the enemy of the self.
महत्त्व: यह आत्म-नियंत्रण और आत्म-विकास के लिए प्रेरित करता है।

62. अहिंसा सत्यमस्तेयं सर्वाश्रमंगतं तपः।

Source: Manusmriti
हिंदी: अहिंसा, सत्य और अस्तेय (चोरी न करना) – ये सभी आश्रमों में तप हैं।
English: Non-violence, truth and non-stealing — these are austerities for all stages of life.
महत्त्व: यह श्लोक सार्वभौमिक धर्म का आधार बताता है।

63. गुणाः पूजास्थानं गुणिषु न च लिङ्ग न च वयः।

Source: Chanakya Neeti
हिंदी: गुण ही पूज्य होते हैं – न कि किसी का लिंग (जाति) या उम्र।
English: Virtues are worthy of respect, not age or gender.
महत्त्व: यह सामाजिक समानता और गुणों के महत्व को दर्शाता है।

64. आर्जवं हि कुटिलेषु न नीतिः।

Source: पंचतंत्र
हिंदी: कुटिल व्यक्तियों के साथ सरल नीति नहीं चलती।
English: Straightforwardness is not suitable for the crooked.
महत्त्व: व्यवहारिक राजनीति का गूढ़ सूत्र है।

65. आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः।

Source: Manusmriti / Neetishastra
हिंदी: मनुष्य के शरीर में आलस्य सबसे बड़ा शत्रु होता है।
English: Laziness is man’s greatest internal enemy.
महत्त्व: यह पुरुषार्थ (effort) की महिमा का उपदेश है।

66. यदृगिच्छेच्च भवितुं तादृम् भवति पुरुषः।

Source: महाभारत / नीतिशास्त्र
हिंदी: जैसा व्यक्ति बनने की इच्छा करता है, वैसा वह बन जाता है।
English: A man becomes what he desires to become.
महत्त्व: यह श्लोक इच्छाशक्ति और आत्मनिर्माण पर बल देता है।

66. वशे हि यस्येन्द्रियाणि तस्य प्रज्ञा प्रतिष्ठिता।

Source: भगवद्गीता (अध्याय 2, श्लोक 61)
हिंदी: जिसकी इन्द्रियाँ वश में हैं, उसकी बुद्धि स्थिर होती है।
English: He who controls his senses has firm wisdom.
महत्त्व: इन्द्रिय-निग्रह की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।

68. उपायेन हि यच्छक्यं तन्न शक्यं पराक्रमैः।

Source: नीतिशास्त्र / चाणक्य
हिंदी: जो काम उपाय से हो सकता है, वह बल से नहीं हो सकता।
English: What is possible through strategy is not achievable by force.
महत्त्व: बुद्धि और युक्ति की श्रेष्ठता पर बल देता है।

69. आदानं हि विसंज्ञाय सतां वारिमुचामिव।

Source: महाभारत
हिंदी: सज्जन बिना स्वीकृति के कुछ नहीं लेते, जैसे जल स्वयं बहता है।
English: The noble never take without consent, like water flows on its own.
महत्त्व: यह मर्यादा और विनम्रता का आदर्श है।

70. नीचो वदति न कुरुते वदति न साधु करोत्येव।

Source: चाणक्य नीति
हिंदी: नीच व्यक्ति केवल कहता है, करता नहीं; सज्जन केवल करता है।
English: A vile man speaks but does not act; a noble acts silently.
महत्त्व: यह आचरण की श्रेष्ठता को रेखांकित करता है।

71. प्रायः समापन्नविपत्तिकाले धियोऽपि पुंसां मलिनीभवन्ति।

Source: नीति वचन
हिंदी: विपत्ति के समय बुद्धिमानों की भी बुद्धि भ्रमित हो जाती है।
English: In adversity, even the wise may lose clarity.
महत्त्व: यह संकट में धैर्य और विवेक की आवश्यकता समझाता है।

72. विवेकभ्रष्टानां भवति विनिपातः शतमुखः।

Source: नीतिशास्त्र
हिंदी: विवेक से च्युत हुए लोगों के लिए पतन के सौ रास्ते होते हैं।
English: Those who lose wisdom face downfall from all directions.
महत्त्व: विवेक और संयम का महत्व प्रतिपादित करता है।

73. बुभुक्षितः किं न करोति पापम्।

Source: संस्कृत लोकोक्ति
हिंदी: भूखा व्यक्ति कौन-सा पाप नहीं करता?
English: What sin won’t a hungry man commit?
महत्त्व: यह श्लोक भूख और विपत्ति में मानवीय कमजोरी को दर्शाता है।

74. हि कृतमुपकारं साधयां विस्मरन्ति।

Source: लोकनीति
हिंदी: लोग किए गए उपकार को पूरा होते ही भूल जाते हैं।
English: People tend to forget the favor once it is fulfilled.
महत्त्व: कृतघ्नता मानव स्वभाव की दुर्बलता है। सजग रहकर उपकार करना चाहिए।

75. एको हि दोषो गुणसन्निपाते निमज्जतीन्दोः किरणेष्विवाङ्कः।

Source: संस्कृत नीतिशास्त्र
हिंदी: जैसे चंद्रमा के दाग उसकी किरणों में छिप जाते हैं, वैसे ही गुणों की अधिकता एक दोष को ढक देती है।
English: One fault is drowned amidst many virtues, like a blemish hidden in moonlight.
महत्त्व: यह बताता है कि श्रेष्ठ गुण दोषों को ढक देते हैं।

76. विचित्ररूपाः खलु चित्तवृत्तयः।

Source: योगशास्त्र
हिंदी: मन की वृत्तियाँ वास्तव में विचित्र और विविध होती हैं।
English: Mental tendencies are indeed diverse and peculiar.
महत्त्व: मन का स्वभाव चंचल होता है, जिससे स्थिरता कठिन होती है।

77. पदं हि सर्वत्र गणैर्निधीयते।

Source: महाभारत
हिंदी: प्रत्येक स्थान पर लोगों का समूह ही महत्व तय करता है।
English: Everywhere, the worth of a place is judged by its people.
महत्त्व: समाज ही स्थान की महत्ता का निर्धारण करता है।

78. याच्या मोघा वरमधिगणे नाऽधमे लव्यकामा।

Source: नीति श्लोक
हिंदी: किसी नीच व्यक्ति से कुछ पाने की इच्छा रखने से अच्छा है कि कुछ भी न मिले।
English: Better to gain nothing than to expect from the vile.
महत्त्व: यह नीति आत्मगौरव और चरित्र की रक्षा सिखाती है।

79. मितं च सारं च वचो हि वाग्मिता।

Source: नीतिशास्त्र
हिंदी: जो वाणी थोड़ी हो और सारगर्भित हो वही वाग्मिता कहलाती है।
English: Brief and meaningful speech is true eloquence.
महत्त्व: यह संयमित और प्रभावी भाषा की महत्ता को दर्शाता है।

80. नीचर्गच्छत्युपरि च दशा चक्रनेमिक्रमेण।

Source: नीति शास्त्र
हिंदी: जैसे चक्र की नेमि घूमती है, वैसे ही नीच भी कभी ऊपर आ जाता है।
English: Like the rim of a wheel, the fate of the lowly may also rise.
महत्त्व: समय चक्र में उतार-चढ़ाव आता है, इसलिए अहंकार नहीं करना चाहिए।

81. भवितव्यानां द्वाराणि भवन्ति सर्वत्र।

Source: नीति वचन
हिंदी: जिसे होना होता है, उसके होने के रास्ते हर ओर खुल जाते हैं।
English: What is destined to happen will find its way.
महत्त्व: यह नियति में विश्वास और प्रयास का संदेश देता है।

82. सा विद्या या विमुक्तये।

Source: उपनिषद
हिंदी: वही विद्या है जो मुक्ति प्रदान करे।
English: That alone is knowledge which liberates.
महत्त्व: ज्ञान केवल सूचना नहीं, आत्म-मुक्ति का साधन होना चाहिए।

83. आज्ञा गुरूणां हह्यविचारणीया।

Source: स्मृति / नीति
हिंदी: गुरु की आज्ञा पर विचार नहीं किया जाता — उसे शिरोधार्य किया जाता है।
English: The command of the Guru is not to be questioned.
महत्त्व: गुरु के प्रति श्रद्धा और अनुशासन की शिक्षा देता है।

84. न रत्नमन्विष्यति मृग्यते हि तत्।

Source: नीति वचन
हिंदी: रत्नों की खोज नहीं की जाती, वे स्वयं मिलते हैं।
English: Gems are not sought; they are found by destiny.
महत्त्व: श्रेष्ठता की प्राप्ति प्रयत्न और भाग्य दोनों से होती है।

85. कामार्ता हि प्रकृतिः कृपणाश्चेतनाचेतनेषु।

Source: नीति श्लोक
हिंदी: वासना से व्याकुल व्यक्ति विवेकहीन हो जाता है — चाहे वह चेतन हो या अचेतन।
English: One driven by lust loses discernment, whether conscious or not.
महत्त्व: इच्छाओं पर नियंत्रण की आवश्यकता पर बल देता है।

86. वसन्ति हि प्रेम्णि गुणा न वस्तुनि।

Source: नीति
हिंदी: प्रेम में गुण टिकते हैं, वस्तुओं में नहीं।
English: Qualities reside in love, not in material things.
महत्त्व: यह प्रेम की श्रेष्ठता और गुणों की महत्ता को दर्शाता है।

87. आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्जः सदा सुखी।

Source: लोक नीति
हिंदी: खाने और व्यवहार में जिसने लज्जा छोड़ दी वह सदा सुखी रहता है।
English: One who is unashamed in food and social conduct lives happily.
महत्त्व: यह संतुलित और खुलापन रखने की शिक्षा देता है।

88. सतीष योषित् प्रकृतिश्च निश्चला।

Source: नीति श्लोक
हिंदी: सती स्त्री की प्रकृति अचल और अडिग होती है।
English: The nature of a chaste woman is steadfast and unmoved.
महत्त्व: यह नारी चरित्र और समर्पण की भावना को सम्मान देता है।

89. पुमांसमभ्येति भवान्तरस्यापि।

Source: लोक नीति
हिंदी: एक श्रेष्ठ पुरुष दूसरे श्रेष्ठ पुरुष को भी प्रभावित करता है।
English: A noble man influences even another noble person.
महत्त्व: श्रेष्ठता की पहचान और प्रभाव दूर तक फैलते हैं।

90. स जातो येन जातेन जातिं यः समुन्नयति।

Source: महाभारत
हिंदी: वही जन्म सफल है जिससे अपनी जाति या समाज का उत्थान होता है।
English: Truly born is he who uplifts his lineage or community.
महत्त्व: समाज और कुल की प्रतिष्ठा बनाए रखना श्रेष्ठता का लक्षण है।

91. पुराणमित्येव न साधु सर्वम्।

Source: चाणक्य नीति
हिंदी: केवल इसलिए कि कुछ पुराना है, वह श्रेष्ठ नहीं हो जाता।
English: Not all that is old is necessarily good.
महत्त्व: यह विवेक से मूल्यांकन की सीख देता है – अंधविश्वास से बचने की प्रेरणा।

92. सहसा विद्धीत न क्रिया, अविवेकः परमापदां पदम्।

Source: नीति वचन
हिंदी: बिना सोच-विचार के कार्य नहीं करना चाहिए; अविवेक विपत्ति का कारण होता है।
English: Do not act in haste; lack of discretion leads to great misfortunes.
महत्त्व: यह धैर्य, सूझबूझ और निर्णय कौशल को प्राथमिकता देता है।

93. निरस्तपादपे देशे एरण्डोऽपि द्रुमायते।

Source: चाणक्य नीति
हिंदी: जहाँ कोई बड़ा वृक्ष नहीं होता, वहाँ अरंडी का पेड़ भी बड़ा समझा जाता है।
English: In a place devoid of trees, even the castor appears to be a great tree.
महत्त्व: यह बताता है कि तुलना का अभाव किसी सामान्य को भी बड़ा बना सकता है।

94. दुर्लभं भारते जन्म, मानुष्यं तत्र दुर्लभम्।

Source: नीति शास्त्र
हिंदी: भारत में जन्म दुर्लभ है और वहाँ मनुष्य का जन्म तो और भी दुर्लभ है।
English: Birth in India is rare, and rarer is human birth in it.
महत्त्व: यह भारतवर्ष और मनुष्य जन्म की महिमा को बताता है।

95. क्लेशः फलेन हि पुनर्नवत्तां विद्यते।

Source: नीति वचन
हिंदी: कष्ट का फल ताजगी और नवीनता लेकर आता है।
English: Hardship renews life through the fruit it bears.
महत्त्व: परिश्रम और कष्ट को जीवन का आवश्यक हिस्सा बताया गया है।

96. संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्।

Source: ऋग्वेद
हिंदी: मिलकर चलो, मिलकर बोलो, तुम्हारे मन एक समान हों।
English: Walk together, speak together, let your minds be united.
महत्त्व: एकता और सामूहिक चेतना को बढ़ावा देने वाला श्लोक।

97. लौकिकानां हि साधूनामर्थ वागनुवर्तते। ऋषीणां पुनराधानां वाचमर्थोऽनुधावति।

Source: महाभारत
हिंदी: साधु पुरुषों में वाणी अर्थ के पीछे चलती है; ऋषियों में अर्थ वाणी के पीछे चलता है।
English: In the worldly wise, speech follows meaning; in seers, meaning follows speech.
महत्त्व: यह विचारशील भाषा और ऋषियों की तपस्या के प्रभाव को दर्शाता है।

98. तीर्थोदकं च यज्ञश्च न अन्यत्र शुद्धिमर्हतः।

Source: नीति वचन
हिंदी: तीर्थजल और यज्ञ ही शुद्धि के अधिकारी हैं, अन्य कुछ नहीं।
English: Only pilgrimage water and sacrifice purify truly, not other means.
महत्त्व: आध्यात्मिक पवित्रता के सच्चे साधनों की ओर संकेत।

99. वित्तेन रक्ष्यते धर्मः, विद्या योगेन रक्ष्यते।

Source: नीति शास्त्र
हिंदी: धन से धर्म की रक्षा होती है, योग से विद्या की रक्षा होती है।
English: Wealth protects righteousness, and discipline protects knowledge.
महत्त्व: यह धर्म और विद्या की सुरक्षा के उपाय बताता है।

100. आशु बध्नाति हि प्रेम, प्राग्जन्मान्तरसंस्तवः।

Source: संस्कृत लोकोक्ति
हिंदी: प्रेम शीघ्र बंधन में बांध देता है, क्योंकि यह पूर्व जन्म का संस्कार होता है।
English: Love binds quickly, as it is often carried from previous lives.
महत्त्व: यह पुनर्जन्म और आत्मीयता के संबंध को समझाता है।

101. दानं भोगं नाशश्च तिस्त्रो गतयो भवन्ति वित्तस्य।

Source: चाणक्य नीति
हिंदी: धन की तीन गति होती है – दान, भोग और नाश।
English: Wealth has three paths – charity, enjoyment, and destruction.
महत्त्व: यह धन के सदुपयोग की प्रेरणा देता है।

102. सन्तः परोक्षाण्यपि रद्भजन्ते, मूढः परप्रत्ययानियमबुद्धिः।

Source: नीति वचन
हिंदी: सज्जन अदृश्य गुणों को भी पहचानते हैं, मूर्ख पर आश्रित होता है।
English: The noble recognize unseen worth; the fool depends on others’ opinion.
महत्त्व: यह आत्मनिर्भर विवेक की प्रेरणा देता है।

103. नन्याकृतिविशेष आदरः पदं करोति।

Source: नीति शास्त्र
हिंदी: किसी विशेष रूप या आकृति से नहीं, गुणों से ही आदर मिलता है।
English: Respect is earned by quality, not merely by appearance.
महत्त्व: यह स्वरूप की अपेक्षा गुण की श्रेष्ठता सिखाता है।

104. यस्यागमः केवल जीविकायै, तं ज्ञानपण्यं वापि वदन्ति।

Source: नीति वचन
हिंदी: जो शास्त्र केवल जीविका के लिए पढ़ा जाए, वह केवल ज्ञान का व्यापार है।
English: The scripture studied only for livelihood is called trade in knowledge.
महत्त्व: यह श्लोक बताता है कि ज्ञान का उद्देश्य आत्मविकास और समाजसेवा होना चाहिए, न कि मात्र जीविकोपार्जन।

105. नाट्यं भिन्नरुचेर्जनस्य बहुधाप्येकं समाराधनम्।

Source: नाट्यशास्त्र
हिंदी: नाटक अनेक रुचियों वाले लोगों को भी एक साथ संतुष्ट करनेवाला होता है।
English: Drama, though diverse in appeal, pleases people of all tastes.
महत्त्व: यह कला की समावेशिता और व्यापकता को दर्शाता है।

106. न खलु सुशिक्षितोऽपि सर्व उपदर्शने निपुणो भवति।

Source: नीति शास्त्र
हिंदी: हर सुशिक्षित व्यक्ति सभी कार्यों में निपुण नहीं होता।
English: Even the well-educated may not excel in every skill.
महत्त्व: यह विशिष्टता (specialization) के महत्व और सीमितता को स्वीकार करने की शिक्षा देता है।

106. माता गुरुतरा भूमेः स्यात् पितोच्चतरस्तथा। मनः शीघ्रतरं वाताच्च, चित्तरस्तथा।

Source: नीति श्लोक
हिंदी: माता भूमि से भारी होती है, पिता ऊँचा होता है, मन वायु से भी तेज होता है और चित्त सूक्ष्म होता है।
English: Mother is heavier than earth, father loftier, mind swifter than wind, and the soul is most subtle.
महत्त्व: यह मानव अस्तित्व के विभिन्न तत्वों की महत्ता दर्शाता है।

108. मूर्खेण सह संवादो न कदापि विधीयते।

Source: चाणक्य नीति
हिंदी: मूर्ख व्यक्ति के साथ कभी भी संवाद नहीं करना चाहिए।
English: Never engage in debate with a fool.
महत्त्व: यह विवेक से संवाद और समय की सुरक्षा की शिक्षा देता है

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