1. देवी शैलपुत्री
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम् ।
वृषारूढाम् शूलधरांशैलपुत्री यशस्विनीम् ॥1॥
Vande vāñchita-lābhāya candrārdha-kṛta-śekharām |
Vṛṣārūḍhām śūla-dharāṁ śailaputrī yaśasvinīm ||1||
हिंदी अर्थ:
मैं वंदन करता हूँ उस देवी का—जो अपने सिर पर अर्द्धचंद्र (चंद्रह्रद) धारण करती हैं, जो वृषभ (शिव वाहन) पर विराजमान हैं, शूलधारिणी, पर्वत पुत्री (पार्वती) और महिमा सम्पन्न हैं।
2. देवी ब्रह्मचारिणी
दधाना करपद्माभ्याम् अक्षमाला कमण्डलू ।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ॥2॥
Dadhānā kara-padmābhyām akṣa-mālā kamataṅḍalū |
Devī prasīdatu mayi brahmacāriṇy-anuttamā ||2||
हिंदी अर्थ:
हे उत्तम तपस्विनी, ब्रह्मचारी देवी! मैं आपके हाथों में कमण्डलु और अक्ष-माला लिए हुए हाथों की वंदना करता हूँ। कृपया मुझ पर प्रसन्न हों।
3. देवी चन्द्रघण्टा
पिण्डजप्रवरारूढाचन्दकोपास्त्रकैर्युता ।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता ॥3॥
Piṇḍaja-pravarā rūḍhā candkopā-strakaiḥ yutā |
Prasādaṁ tanute mahyam candra-ghaṇṭeti višrutā ||3||
हिंदी अर्थ:
हे चन्द्रघण्टा देवी! आप चंद्र के भार से कण्ठभरी हुई हैं, और शस्त्रों से युक्त हैं। आपकी कृपा मुझ पर बनी रहे।
4. देवी कूष्माण्डा
सुरासम्पूर्णकलशम्रुधिराप्लुतमेव च ।
दधाना हस्तपद्माभ्याम् कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥4॥
Surāsampūrṇa-kalaśam rudhirā-plutameva ca |
Dadhānā hasta-padmābhyām kūṣmāṇḍā śubhadāstu me ||4||
हिंदी अर्थ:
हे कूष्माण्डा देवी! आप सुरा-पूर्ण कलश (मद-कलश) और रक्त से परिपूर्ण ज्ञात वरदान देने वाली हो। आपके हाथ-पद्म की मैं वंदना करता हूँ—मुझ पर शुभदृष्टि बनाएँ।
5. देवी स्कन्दमाता
सिंहासनगता नित्यम् पद्माश्रितकरद्वया ।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी ॥5॥
Siṁhāsanagatat nityam padma-āśrita-kara-dvayā |
śubhadāstu sadā devī skandamātā yaśasvinī ||5||
हिंदी अर्थ:
हे स्कन्दमाता! आप सदा सिंहासन पर विराजमान हैं, आपके दो हाथ कमल धारण करते हैं। आप सदा शुभ परिणाम देने वाली, प्रसिद्ध देवी हो।
6. देवी कात्यायनी
चन्द्रहासोज्ज्वलकराशार्दूलवरवाहना ।
कात्यायनी शुभं दद्यादेवी दानवघातिनी ॥6॥
Candra-hāsojjvalakarā-śārdūla-varavāhanā |
Kātyāyanī śubhaṁ dadyād ēvī dānavaghātinī ||6||
हिंदी अर्थ:
हे कात्यायनी! आपके उज्जवल हाथ चंद्रसोमुख हैं और आप शेरवाहिनी हो। हे दानवघाती! आप मुझ पर शुभ फल प्रदान करें।
7. देवी कालरात्रि
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता ।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णीतैलभ्यक्तशरीरिणी ।
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा ।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णाकालरात्रिर्भयङ्करी ॥7॥
Ēkavēṇī japākarṇa-pūrā nagnā kharāsthītā |
Lamboṣṭhī kaṇṇikā-karṇī-tailabhyakta-śarīriṇī |
Vāmapād-ollasallōhala-latā-kaṇṭaka-bhūṣaṇā |
Vardhana-mūrdhadhvajā kṛṣṇākālarātrīr-bhayaṅkarī ||7||
हिंदी अर्थ:
हे कालरात्रि! एक टेढ़ी चोटी हैं, जपाकर्ण पूरणक हैं, नग्न खरा खड़ी, लम्बी ओठों वाले, कानों में कर्णिका तेल-छित हैं, शरीर सजा हुआ, वामपाद उज्ज्वल, लोहार-लताओं की कांटेदार सुशोभित, और भयानक कृष्ण-काले वर्ण वाली—शीर्ष पर ध्वजा वाली दयनीय देवी!
8. देवी महागौरी
श्वेते वृषे समारूढा अश्वेताम्बरधरा शुचिः ।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा ॥8॥
Śvētē vṛṣē samārūḍhā aśvētāmbaradhara śuciḥ |
Mahāgāurī śubhaṁ dadyān mahādēvapramodadā ||8||
हिंदी अर्थ:
हे महागौरी देवी! आप श्वेत वृषभ पर विराजमान, स्वच्छ श्वेत वस्त्रों वाली, महान गौरी हो। हे महादेव को हर्ष देने वाली, मुझे शुभ फल दें।
9. देवी सिद्धिदात्री
सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि ।
सेव्यमाना सदा भूयात्सिद्धिदा सिद्धिदायिनी ॥9॥
Siddha-gandharvayakṣādyair asurair amarair api |
Sēvyamānā sadā bhūyāt siddhidā siddhidāyinī ||9||
हिंदी अर्थ:
हे सिद्धिदात्री देवी! जो गंधर्व, यक्ष, असुर और अमर सभी द्वारा सदा पूजित होती हो—आप सदा पूजनीय, सिद्धियाँ प्रदान करने वाली देवी हो।
समाप्ति पंक्ति
इति श्री नवदुर्गा स्तोत्रं सम्पूर्णम्।
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